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Nanaji's Blessings

मंगल आशीर्वाद, जुही सी नाजनी को पाकर,            संचित भैया ने मेर्रीज की जो ठाणी, चढ घोडी पर तोरण को चल दिये तो,            स्वर्ग से भी परिया निहार रही और, मंगल गीत गा गा कर न्रत्य कर रही है            आमोद प्रमोद कह रही कैसी बनी है जोडी | बहु रानी आप हमारे इस उपवन मे महकती हुई,            चिडिया बन कर आई हो, चाहकती रहो, महकती रहो,            इसमे हमे भी आनंद की अनुभूती होती रहेगी | अपनी मोहनी महाक से आप दोनो ही अपने           पाप मम्मी, अर्थात सास ससुर, को अपने व्यवहार से सदा खुश रखो           यही मेरा मंगल आशीर्वाद है, आप दोनो को | अन्तः मे: ये आंखो मे पानी ख़ुशी के है, दुख के नही          इनमे प्रेम व पुनीत भावना छिपी है |                                                         -  नानाजी